इन चार-पांच सा लों में उन्होंने कश्मीरी लोगों की ज़िन्दगी और उनके कई पहलुओं को कैमरे में क़ैद करने की कोशिश की हैं. इतने सालों से कश्मीर में ईद मनाने वाली अवनि राय को दुःख है की भारतीय संविधान से 370 और 35A के ख़त्म होने के बाद कश्मीर में जो हालात पैदा हुए कश्मीर के बारे में एक किताब पर काम कर रही अवनि वहां की जनता को समझ ती हैं, इसलिए उनकी तकलीफ़ों और दुख पर भारतीयों का ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्होंने एक ख़ास फ़ोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया है, जिसमें कश्मीरियों की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी की झलकियां मिलती हैं. , उस कारण वो ईद में वहां नहीं जा पाईं. इसका उन्हें बेहद दुख है. अवनि राय की यह फोटो प्रदर्शनी दक्षिण मुंबई के काला घोड़ा में स्थित मैथड आर्ट स्पेस में लगाई गई है. अवनि कहती है, "ये कहना ग़लत नहीं होगा कि मेरे काम का कश्मीर में चल रही राजनैतिक हलचल से कोई लेना-देना नहीं है. पर में सरल भाषा में कहना चाहूंगी की मेरी प्रदर्शनी चिंता है कश् मीरी लोगों के लम्बे दर्द और पीड़ा की, जिसकी आवाज़ सीमा और असमंजस भविष्य में दबी हुई है." अवनि कहती हैं, "जहां रो